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Ujjain Complete Information

उज्जैन स्वर्ग है क्यौ है आइये जानते हैं ? उज्जैन मध्य प्रदेश एक मात्र स्थान जहाँ शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुम्भ महापर्व का भी आयोजन किया जाता है । यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है "महाँकाल,कालभैरव, गढ़कालिका और अर्धकाल भैरव।" ...Read More

क्या आप जानते है कब होता है कुंडली में मंगल दोष ?

मंगल दोष होने का एकमात्र प्रचलित कारण ये माना जाता रहा है की व्यक्ति मंगलवार को जन्म है, लेकिन वास्तव में मंगल दोष के कई कारण है, जैसे जिस व्यक्ति की कुंडली मैं मंगल 1, 4, 7, 8, अथवा 12वे घर मैं स्तिथ हो वह व्यक्ति मांगलिक होता है या अन्य शब्दों में...Read More

Sarva Pitru Amavasya

धार्मिक मान्यताओं में आश्विन मास कृष्‍ण पक्ष का समय पूर्वजों का समय या श्राद्ध पक्ष का समय माना जाता हे | श्राद्र के समय घर के पितृ देव व पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता हे | पितरो की आत्मा परिवार वालो को सुख समृद्धि का आशीर्वाद ...Read More

Types of Kaal Sarp Dosh and its Nivaran Puja Ujjain

Vipareeta Kaal sarp Yog is also called Kaal Sarp dosh. You can find Kaal Sarp dosh in one’s horoscope when the planets fall between Rahu and Ketu.When half of the natal chart is unoccupied by planets, a complete Kal Sarp Yog is formed. Depending on...Read More

Why Kaal Sarp Dosh Puja in Ujjain is essential?

Kaal Sarp dosh is also known as 'Vipareeta Kaalsarp Yog'. According to astrology when the planets (Graha) fall between "Rahu" and "Ketu," in a person’s horoscope, that person is afflicted with this dosh. Kaal sarp dosh is said to be present in one's...Read More

Kaal Sarp Dosh Puja in Nagpanchmi Ujjain

किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब सभी ग्रह राहु और केतु के बिच आ जाते हे तो काल सर्प दोष का निर्माण होता हे । जो व्यक्ति इस दोष से प्रभावित होता है, उसे अपने परिवार, बच्चों और जीवनसाथी के साथ समस्याओं का सामना कर...Read More

जानिए श्राद्धकर्म के विषय में विस्तृत एवंमहत्वपूर्ण जानकारी एवं किस तरह की रखे पितृपक्ष में सावधानी

जानिए पूर्णिमा श्राद्ध से लेकर अमावस्या श्राद्ध तक विस्तृत वर्णन - पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर षष्ठी ...Read More

क्या होता है मंगल दोष और क्यों करते है लोग मंगल दोष पूजा उज्जैन ( mangal dosh puja ujjain ) में ?

जातक की कुंडली में मंगल के स्थान के हिसाब से मंगल दोष है की नहीं ये निर्भर करता है ,मांगलिक दोष को लेकर लोगो के अंदर बहुत डर सा बना रहता है, और ये वास्तविक भी है मंगल दोष अगर किसी जातक की कुंडली में है तो अत्यंत घातक होता है, मंगल दोष वाले जातक को व...Read More

क्यों है विशेष महत्व उज्जैन महाकाल में शिवरात्रि के दिन कालसर्प दोष पूजा एवं मंगल दोष पूजा का ?

अगर उज्जैन में आप शिवरात्रि के दिन जा रहे हो और इस दिन पूजन अनुष्ठान उज्जैन में कर रहे हो तो यह अपने आप में पुण्य फल मिलने वाली बात है क्यूंकि शास्त्रों के अनुसार यह कहा गया है की 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना गया है 1. क्षिप्रा नदी = सभी...Read More

जानिए क्या फर्क पड़ता है व्यक्ति के जीवन में महामृत्युंजय मन्त्र के जप से ?

जानिए क्या फर्क पड़ता है व्यक्ति के जीवन में महामृत्युंजय मन्त्र उज्जैन में इसके जप करवाने से इस मन्त्र के जप करने से मानव जीवन में बहुत ही विशेष प्रभवा पड़ता है यह महामृंत्युजय मंत्र बहुत ही बड़ा मंत्र है इस मंत्र को ही कभी कभी रूद्र मंत्र भी ...Read More

क्या होता है अगर कुंडली में मंगल दोष हो तो ?

कुंडली में होने वाला मंगल दोष अत्यधिक प्रभावशाली होता है। कुंडली में मंगल ग्रह की जो स्थिति है एवं व दृष्टी दोनों ही प्रभाव रखते हैं ज्योतिष के अनुसार इस दोष का सबसे अधिक प्रभाव किसी मंगली के विवाह सम्बंधों में ही पड़ता हैं। इसलिए ज्योतिषी के...Read More

जानिए शारदीय नवरात्र के बारे में कुछ विशेष जानकारी

*17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक* भुवनेश्वरीसंहिता में कहा गया है“यथा वेदो ह्यनादिर्हि तथा सप्तशती मता” अर्थात जिस प्रकार वेद अनादि हैं, उसी प्रकार सप्तशती भी अनादि ही है। व्यासजी ने मानवकल्याण मात्रा से ही मार्कण्डेयपुराण में इसका प्रकाशन किया है।...Read More

जानिए किस स्तिथि व्यक्ति मांगलिक कहलाता है या मांगलिक दोष से पीड़ित होता है

जानिए किस स्तिथि व्यक्ति मांगलिक कहलाता है या मांगलिक दोष से पीड़ित होता है :-जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 4,1, 7, 9, 12 वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है। मांगलिक लोगों की खास बातें :- मांगलिक होने का विशेष गु...Read More

जानिए किस स्तिथि व्यक्ति मांगलिक कहलाता है या मांगलिक दोष से पीड़ित होता है

जानिए किस स्तिथि व्यक्ति मांगलिक कहलाता है या मांगलिक दोष से पीड़ित होता है :-जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 4,1, 7, 9, 12 वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है। मांगलिक लोगों की खास बातें :- मांगलिक होने का विशेष गु...Read More

उज्जैन महाकाल में दर्शन की नई व्यवस्था । पढ़िए पूरी जानकारी..

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन मंदिर में 8 जून से नई दर्शन व्यवस्था लागू होगी सीधे मन्दिर पहुँचने पर दर्शन नहीं हो पायेंगे, मात्र प्री-बुकिंग के आधार पर मन्दिर में प्रवेश होगा । 8 जून से दशनार्थियों के लिए खोला जाएगा श्री महाकालेश्वर मन्दिर, द...Read More

क्या है कालसर्प दोष पूजा

प्रत्येक जातक की कुंडली को राहु और केतु 180 यूनिटी डिग्री पर विच्छेदन करते हैं किसी ने किसी भाव जब समस्त गृह राहु से लेकर केतु के मध्य आ जाते हैं तब कालसर्प दोष बनता है  राहु और केतु क्या है :-   कुंडली में केतु राहु की उपस्थिति रहती है   यह दोनों...Read More

जानिए कैसे बनता है मांगलिक दोष

किसी जातक की कुंडली में सप्तमी या अष्टम प्रथम यह चतुर्थ एवं द्वादश भाव में मंगल स्थित है तो इसकी कुंडली मांगलिक मानी जाती है वैसे हर स्थिति में मांगलिक दोष अशुभनहीं होता है कुछ लोगों के लिए शुभ भी होता हैमांगलिक दोष वाले जातक मांगलिक दोष वाले जातक क...Read More

क्या है मांगलिक दोष? इसे कैसे किया जा सकता है दूर ?

आज भी जब किसी स्त्री या पुरुष के विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है तो सबसे पहले देखा जाता है कि वह मांगलिक है या नहीं, ज्योतिष के अनुसार यदि कोई व्यक्ति मांगलिक है तो  शादी भी किसी मांगलिक से ही की जानी चाहिए, इसके पीछे धारणाएं बनाई गई हैं।   ...Read More

जानिए सम्पूर्ण जानकारी क्या है कालसर्प दोष के बारे में ??

कालसर्प दोष एक ऐसा दुर्योग है जो जन्मपत्रिका में हो तो जातक का जीवन संघर्षमय  होता है।  कालसर्प को लेकर बहुत भ्रम व संशय उत्पन्न किया जा रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण है इस दोष की विधिवत् शांति के बारे में प्रामाणिक जानकारी का अभाव, जिसके चलते कुछ लो...Read More

जानिये किस तरह प्रभावित करता है कुंडली में अगर आंशिक और एकाधिक मंगल दोष हो तो ??

जानिये किस तरह प्रभावित करता है कुंडली में अगर मंगल दोष हो तो  ??  कुंडली में मंगल दोष का होना। बहुत अधिक प्रभावशाली माना गया है। कुंडली में मंगल ग्रह की। दृष्टि एवं स्थिति दोनों का प्रभाव रहता ह , ज्योतिषी के अनुसार मंगल दोष जो होता है। उसका सबसे ...Read More

जानिए महाशिवरात्रि महापर्व और शिव नवरात्रि महोत्सव के बारे में।

वर्ष में एक बार ही; श्री महाकालेश्वर भगवान् को हल्दी अर्पित की जाती हैं।" श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाशिवरात्रि के पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान पूरे 9 दिन तक महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती क...Read More

आखिर कुंडली में कैसे बनता है मंगल दोष ???

कुंडली में होने वाला मंगल दोष अत्यधिक प्रभावशाली होता है। कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति व दृष्टी दोनों ही प्रभाव रखते हैं ज्योतिष के अनुसार मंगल दोष का सबसे अधिक प्रभाव किसी मंगली के विवाह सम्बंधों में ही पड़ता हैं। इसलिए जन्मकुंडली मिलान के सम...Read More

वास्तु के हिसाब से कौन-सी दिशा का धन लाभ में सर्वाधिक महत्व है ?

घोड़े की नाल, रसोई घर में बल्ब और स्वास्तिक का रखें ध्यान-वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर में वास्तु दोष के लिए कुछ हद तक हम स्वयं जिम्मेदार रहते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सुख, शांति व समृद्धि के लिए रसोई घर बहुत ही खास माना गया है। अगर आप...Read More

कौन से है महत्वपूर्ण दिन काल सर्प दोष पूजा के लिए ???

कालसर्प दोष की शांति के ये हैं कुछ खास दिन ? कालसर्प दोष इस दोष के निवारण के लिए कालसर्प दोष पूजा करवाई जाती है। वैसे तो यह पूजा नासिक (त्रयंबकेश्वर) और उज्जैन (महाकाल) में वर्ष में कभी भी करवाई जा सकती है, लेकिन यदि कुछ विशेष तिथि, नक्षत्र, दिन और...Read More

कालसर्प योग से राहत के सरलतम उपाय एवं मंत्र.

यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा उपाय करें।    1. मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त    2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना।     3. अपनों से ठगा जाना।    4. अक...Read More

क्‍या है मांगलिक दोष ???

क्‍या है मांगलिक दोष ? ज्‍योतिषानुसार जन्‍मकुंडली में मंगल दोष को मांगलिक दोष भी कहा जाता है। कुंडली में मंगल की स्थिति के आधार पर मांगलिक दोष निर्भर करता है। कुंडली में मांगलिक दोष है यह जानकर ही लोग घबरा जाते हैं क्‍योंकि इसका प्रभाव वैवाहिक जीवन ...Read More

कौन से हैं कालसर्प दोष की शांति के लिए खास दिन ?

इस दोष के निवारण के लिए कालसर्प दोष पूजा करवाई जाती है। वैसे तो यह पूजा नासिक (त्रयंबकेश्वर) और उज्जैन (महाकाल) में वर्ष में कभी भी करवाई जा सकती है, लेकिन यदि कुछ विशेष तिथि, नक्षत्र, दिन और पर्वों पर करवाई जाए तो दोष का संपूर्ण निवारण हो जाता है।...Read More

क्या है मंगल दोष और मांगलिक दोष पूजा ???

मंगल दोष पूजा= ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई दोष ऐसे होते हैं जो जातक की ज़िन्दगी पर काफी असर करते हैं। इन्ही दोषो में से एक है मंगल दोष।  जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता हैं उनके विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं। मंगल दोष पूजा से मंगल दोष...Read More

केसे पता करे कि कालसर्प दोष है के नही ??

यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा उपाय करें??? 1.मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। 2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना। 3. अपनों से ठगा जाना। 4. अकारण कल...Read More

काल भैरव के मदिरापान के पीछे क्या राज है???

काल भैरव का यह मंदिर लगभग 6000 साल पुराना माना जाता है ,यह एक तांत्रिक मंदिर है इस मंदिर को वाम मार्गी मंदिर भी मांन सकते हो ऐसे मंदिरों में मांस मदिरा बली मुद्रा जैसे प्रसाद चढ़ाये जाते हैं, पुराने समय में यहां पर सिर्फ तांत्रिकों ही आने की अनुमति ...Read More

जानिए उज्जैन के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर के बारे में ????

गोपाल मंदिर उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है ,इस मंदिर का निर्माण दौलतराव सिंधिया की धर्मपत्नी वायजा बाई ने संवत 1901 में कराया था इस मंदिर में प्रवेश द्वार चांदी का बना हुआ है ,जो एक अलग ही आकर्षण का केंद्र रहता है। मंदिर में दाखिल होते से ही गहन...Read More

जानिए बाबा महाकाल उज्जैन के बारे में ??

सन 1690 ईसवी में मराठों ने मालवा क्षेत्र में आक्रमण कर दिया और 29 नवंबर 1728 को मराठा शासकों ने मालवा क्षेत्र में अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया! इसके बाद ही उज्जैन का खोया हुआ गौरव वापस स्थापित हो सका ,सन 1631 से 1809 तक यह नगरी मालवा की राजधानी बनी ...Read More

क्यों आती है इतनी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उज्जैन के शनि मंदिर पर??

यहां पर हर अमावस्या को लोग स्नान करने आते है, मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन को मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है ,उज्जैन से सांवेर जाते समय बीच में शनि मंदिर का स्थान है यह प्रमुख दर्शनीय स्थल है! इस मंदिर की सबसे बड़ी बात यह है कि यहां शनि देव...Read More

क्यों करते हैं उज्जैन में सिद्धवट वृक्ष की पूजा ??

सिद्धवट पर तीन तरह की सिद्धि प्राप्त होने के लिए पूजा होती है !एक संतति अर्थात पुत्र दूसरी संपत्ति अर्थात लक्ष्मी तीसरी सद्गति इसका मतलब पितरों (पूर्वजों) के लिए अनुष्ठान किया जाता है.! जय वृक्ष तीन तरह की सिद्धि देता है इसलिए भी इसे सिद्ध पीठ कहा ज...Read More

जानिऐ उज्जैन के प्रसिद्ध शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर के बारे में ?

मध्य प्रदेश के उज्जैन का प्रसिद्ध शक्तिपीठ हर सिद्धि माता मंदिर महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास ही स्तिथ है | यह 51 शक्तिपीठो में से एक है और इस मंदिर को हर सिद्धि माता के नाम से भी जाना जाता है | इस मंदिर में माँ काली की मूरत के दाये बांये माँ लक्...Read More

किस तरह से करें घर में मंगल की पूजा जानिए होगा मंगल दोष दूर????

मंगलवार के दिन को मंगल ग्रह का दिन माना गया है!  मंगलवार के दिन व्रत रखें पूजा करें तो अति उत्तम रहता है, मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर निवृत्त होकर तन मन को स्वच्छ करके,लाल कलर के नए कपड़े पहन कर मंडप में उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं ...Read More

जानिए क्या है कालसर्प दोष निवारण के उपाय.?

1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं। 2. नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं। 3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें। 4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां ...Read More

धनतेरस के दिन कैसे करें मां लक्ष्‍मी की पूजा ???

धनतेरस के दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्‍मी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन मां लक्ष्‍मी के साथ महालक्ष्‍मी यंत्र की  पूजा     भी  की जाती है.    धनतेरस पर इस तरह करें मां लक्ष्‍मी की पूजा: -  सबसे पहले एक लाल रंग का आसन बिछाएं और इसके बीचों बीच मुट्ठी भर...Read More

जानिए सांदीपनि आश्रम उज्जैन के बारे में ?

श्री महर्षि सांदीपनी आश्रम शीप्रा नदी पर स्थित गंगा घाट के समीप स्थित है ,और महाकालेश्वर मंदिर से 7 किलोमीटर की दुरी पर है। भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकेसखा सुदामा ने यहां पर महर्षि सांदीपनी जी से शिक्षा ग्रहण कि थी। उस समय तक्षशिला तथा नालंदा की तरह अ...Read More

क्यों है उज्जैन में मंगल पूजा का महत्व ?

उज्जैन को पुराणों में मंगल की जननी कहा जाता है. ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है,वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करवाने आते हैं. मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है, जो जिस किसी जातक की कुंडली में बन जाये तो उसे...Read More

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