जानिए पूर्णिमा श्राद्ध से लेकर अमावस्या श्राद्ध तक विस्तृत वर्णन - पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर षष्ठी ...Read More
जातक की कुंडली में मंगल के स्थान के हिसाब से मंगल दोष है की नहीं ये निर्भर करता है ,मांगलिक दोष को लेकर लोगो के अंदर बहुत डर सा बना रहता है, और ये वास्तविक भी है मंगल दोष अगर किसी जातक की कुंडली में है तो अत्यंत घातक होता है, मंगल दोष वाले जातक को व...Read More
अगर उज्जैन में आप शिवरात्रि के दिन जा रहे हो और इस दिन पूजन अनुष्ठान उज्जैन में कर रहे हो तो यह अपने आप में पुण्य फल मिलने वाली बात है क्यूंकि शास्त्रों के अनुसार यह कहा गया है की 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना गया है 1. क्षिप्रा नदी = सभी...Read More
जानिए क्या फर्क पड़ता है व्यक्ति के जीवन में महामृत्युंजय मन्त्र उज्जैन में इसके जप करवाने से इस मन्त्र के जप करने से मानव जीवन में बहुत ही विशेष प्रभवा पड़ता है यह महामृंत्युजय मंत्र बहुत ही बड़ा मंत्र है इस मंत्र को ही कभी कभी रूद्र मंत्र भी ...Read More
कुंडली में होने वाला मंगल दोष अत्यधिक प्रभावशाली होता है। कुंडली में मंगल ग्रह की जो स्थिति है एवं व दृष्टी दोनों ही प्रभाव रखते हैं ज्योतिष के अनुसार इस दोष का सबसे अधिक प्रभाव किसी मंगली के विवाह सम्बंधों में ही पड़ता हैं। इसलिए ज्योतिषी के...Read More
*17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक* भुवनेश्वरीसंहिता में कहा गया है“यथा वेदो ह्यनादिर्हि तथा सप्तशती मता” अर्थात जिस प्रकार वेद अनादि हैं, उसी प्रकार सप्तशती भी अनादि ही है। व्यासजी ने मानवकल्याण मात्रा से ही मार्कण्डेयपुराण में इसका प्रकाशन किया है।...Read More
जानिए किस स्तिथि व्यक्ति मांगलिक कहलाता है या मांगलिक दोष से पीड़ित होता है :-जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 4,1, 7, 9, 12 वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है। मांगलिक लोगों की खास बातें :- मांगलिक होने का विशेष गु...Read More
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन मंदिर में 8 जून से नई दर्शन व्यवस्था लागू होगी सीधे मन्दिर पहुँचने पर दर्शन नहीं हो पायेंगे, मात्र प्री-बुकिंग के आधार पर मन्दिर में प्रवेश होगा । 8 जून से दशनार्थियों के लिए खोला जाएगा श्री महाकालेश्वर मन्दिर, द...Read More
प्रत्येक जातक की कुंडली को राहु और केतु 180 यूनिटी डिग्री पर विच्छेदन करते हैं किसी ने किसी भाव जब समस्त गृह राहु से लेकर केतु के मध्य आ जाते हैं तब कालसर्प दोष बनता है राहु और केतु क्या है :- कुंडली में केतु राहु की उपस्थिति रहती है यह दोनों...Read More
किसी जातक की कुंडली में सप्तमी या अष्टम प्रथम यह चतुर्थ एवं द्वादश भाव में मंगल स्थित है तो इसकी कुंडली मांगलिक मानी जाती है वैसे हर स्थिति में मांगलिक दोष अशुभनहीं होता है कुछ लोगों के लिए शुभ भी होता हैमांगलिक दोष वाले जातक मांगलिक दोष वाले जातक क...Read More
आज भी जब किसी स्त्री या पुरुष के विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है तो सबसे पहले देखा जाता है कि वह मांगलिक है या नहीं, ज्योतिष के अनुसार यदि कोई व्यक्ति मांगलिक है तो शादी भी किसी मांगलिक से ही की जानी चाहिए, इसके पीछे धारणाएं बनाई गई हैं। ...Read More
कालसर्प दोष एक ऐसा दुर्योग है जो जन्मपत्रिका में हो तो जातक का जीवन संघर्षमय होता है। कालसर्प को लेकर बहुत भ्रम व संशय उत्पन्न किया जा रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण है इस दोष की विधिवत् शांति के बारे में प्रामाणिक जानकारी का अभाव, जिसके चलते कुछ लो...Read More
जानिये किस तरह प्रभावित करता है कुंडली में अगर मंगल दोष हो तो ?? कुंडली में मंगल दोष का होना। बहुत अधिक प्रभावशाली माना गया है। कुंडली में मंगल ग्रह की। दृष्टि एवं स्थिति दोनों का प्रभाव रहता ह , ज्योतिषी के अनुसार मंगल दोष जो होता है। उसका सबसे ...Read More
वर्ष में एक बार ही; श्री महाकालेश्वर भगवान् को हल्दी अर्पित की जाती हैं।" श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाशिवरात्रि के पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान पूरे 9 दिन तक महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती क...Read More
कुंडली में होने वाला मंगल दोष अत्यधिक प्रभावशाली होता है। कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति व दृष्टी दोनों ही प्रभाव रखते हैं ज्योतिष के अनुसार मंगल दोष का सबसे अधिक प्रभाव किसी मंगली के विवाह सम्बंधों में ही पड़ता हैं। इसलिए जन्मकुंडली मिलान के सम...Read More
घोड़े की नाल, रसोई घर में बल्ब और स्वास्तिक का रखें ध्यान-वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर में वास्तु दोष के लिए कुछ हद तक हम स्वयं जिम्मेदार रहते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सुख, शांति व समृद्धि के लिए रसोई घर बहुत ही खास माना गया है। अगर आप...Read More
कालसर्प दोष की शांति के ये हैं कुछ खास दिन ? कालसर्प दोष इस दोष के निवारण के लिए कालसर्प दोष पूजा करवाई जाती है। वैसे तो यह पूजा नासिक (त्रयंबकेश्वर) और उज्जैन (महाकाल) में वर्ष में कभी भी करवाई जा सकती है, लेकिन यदि कुछ विशेष तिथि, नक्षत्र, दिन और...Read More
जिस जातक की कुंडली मैं मंगल 1, 4, 7, 8, अथवा 12वे घर मैं स्तिथ हो वह मांगलिक होता है या अन्य शब्दों में हम इसी को कुंडली में मंगल दोष (Mangal Dosh) है कहते है । मंगल उग्र या उष्ण प्रकृति का ग्रह है, इसीलिए कुछ ज्योतिषाचार्य इसे पापग्रह...Read More
यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा उपाय करें। 1. मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त 2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना। 3. अपनों से ठगा जाना। 4. अकारण कलंकित...Read More
क्या है मांगलिक दोष ? ज्योतिषानुसार जन्मकुंडली में मंगल दोष को मांगलिक दोष भी कहा जाता है। कुंडली में मंगल की स्थिति के आधार पर मांगलिक दोष निर्भर करता है। कुंडली में मांगलिक दोष है यह जानकर ही लोग घबरा जाते हैं क्योंकि इसका प्रभाव वैवाहिक जीवन ...Read More
इस दोष के निवारण के लिए कालसर्प दोष पूजा करवाई जाती है। वैसे तो यह पूजा नासिक (त्रयंबकेश्वर) और उज्जैन (महाकाल) में वर्ष में कभी भी करवाई जा सकती है, लेकिन यदि कुछ विशेष तिथि, नक्षत्र, दिन और पर्वों पर करवाई जाए तो दोष का संपूर्ण निवारण हो जाता है।...Read More
मंगल दोष पूजा= ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई दोष ऐसे होते हैं जो जातक की ज़िन्दगी पर काफी असर करते हैं। इन्ही दोषो में से एक है मंगल दोष। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता हैं उनके विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं। मंगल दोष पूजा से मंगल दोष...Read More
यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा उपाय करें??? 1.मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। 2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना। 3. अपनों से ठगा जाना। 4. अकारण कल...Read More
काल भैरव का यह मंदिर लगभग 6000 साल पुराना माना जाता है ,यह एक तांत्रिक मंदिर है इस मंदिर को वाम मार्गी मंदिर भी मांन सकते हो ऐसे मंदिरों में मांस मदिरा बली मुद्रा जैसे प्रसाद चढ़ाये जाते हैं, पुराने समय में यहां पर सिर्फ तांत्रिकों ही आने की अनुमति ...Read More
गोपाल मंदिर उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है ,इस मंदिर का निर्माण दौलतराव सिंधिया की धर्मपत्नी वायजा बाई ने संवत 1901 में कराया था इस मंदिर में प्रवेश द्वार चांदी का बना हुआ है ,जो एक अलग ही आकर्षण का केंद्र रहता है। मंदिर में दाखिल होते से ही गहन...Read More
सन 1690 ईसवी में मराठों ने मालवा क्षेत्र में आक्रमण कर दिया और 29 नवंबर 1728 को मराठा शासकों ने मालवा क्षेत्र में अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया! इसके बाद ही उज्जैन का खोया हुआ गौरव वापस स्थापित हो सका ,सन 1631 से 1809 तक यह नगरी मालवा की राजधानी बनी ...Read More
यहां पर हर अमावस्या को लोग स्नान करने आते है, मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन को मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है ,उज्जैन से सांवेर जाते समय बीच में शनि मंदिर का स्थान है यह प्रमुख दर्शनीय स्थल है! इस मंदिर की सबसे बड़ी बात यह है कि यहां शनि देव...Read More
सिद्धवट पर तीन तरह की सिद्धि प्राप्त होने के लिए पूजा होती है !एक संतति अर्थात पुत्र दूसरी संपत्ति अर्थात लक्ष्मी तीसरी सद्गति इसका मतलब पितरों (पूर्वजों) के लिए अनुष्ठान किया जाता है.! जय वृक्ष तीन तरह की सिद्धि देता है इसलिए भी इसे सिद्ध पीठ कहा ज...Read More
मध्य प्रदेश के उज्जैन का प्रसिद्ध शक्तिपीठ हर सिद्धि माता मंदिर महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास ही स्तिथ है | यह 51 शक्तिपीठो में से एक है और इस मंदिर को हर सिद्धि माता के नाम से भी जाना जाता है | इस मंदिर में माँ काली की मूरत के दाये बांये माँ लक्...Read More
मंगलवार के दिन को मंगल ग्रह का दिन माना गया है! मंगलवार के दिन व्रत रखें पूजा करें तो अति उत्तम रहता है, मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर निवृत्त होकर तन मन को स्वच्छ करके,लाल कलर के नए कपड़े पहन कर मंडप में उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं ...Read More
1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं। 2. नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं। 3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें। 4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां ...Read More
धनतेरस के दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ महालक्ष्मी यंत्र की पूजा भी की जाती है. धनतेरस पर इस तरह करें मां लक्ष्मी की पूजा: - सबसे पहले एक लाल रंग का आसन बिछाएं और इसके बीचों बीच मुट्ठी भर...Read More
श्री महर्षि सांदीपनी आश्रम शीप्रा नदी पर स्थित गंगा घाट के समीप स्थित है ,और महाकालेश्वर मंदिर से 7 किलोमीटर की दुरी पर है। भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकेसखा सुदामा ने यहां पर महर्षि सांदीपनी जी से शिक्षा ग्रहण कि थी। उस समय तक्षशिला तथा नालंदा की तरह अ...Read More
उज्जैन को पुराणों में मंगल की जननी कहा जाता है. ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है,वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करवाने आते हैं. मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है, जो जिस किसी जातक की कुंडली में बन जाये तो उसे...Read More