क्यों है विशेष महत्व उज्जैन महाकाल में शिवरात्रि के दिन कालसर्प दोष पूजा एवं मंगल दोष पूजा का ?
अगर उज्जैन में आप शिवरात्रि के दिन जा रहे हो और इस दिन पूजन अनुष्ठान उज्जैन में कर रहे हो तो यह अपने आप में पुण्य फल मिलने वाली बात है
क्यूंकि शास्त्रों के अनुसार यह कहा गया है की 12 ज्योतिर्लिंग में से एक माना गया है
- क्षिप्रा नदी = सभी ज्योतिर्लिंग में भी ये इसलिए सर्वश्रेष्ठ है क्यूंकि ये माँ शिप्रा नदी के किनारे स्तिथ है इसी नदी पर ही हर बार 12 साल में लगने वाले सिंहस्थ का आयोजन होता है
- भस्मारती = सारे ज्योतिर्लिंग में से ये एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहा सुबह की आरती मुर्दो की भस्म से ही होती है
कालसर्प दोष पूजा = आप सब जानते हो की कालसर्प दोष की पूजा घर में सुख शांति नहीं होना, या रात को डरावने सपने आना आदि ऐसे कई कारण है या फिर जातक की कुंडली में ही कालसर्प दोष हो तो तब इसके निदान हेतु जातक कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में करवाते है
इससे तात्पर्य है की इस दिन महाशिवरात्रि के दिन इस पूजा को करने से विशेष लाभ मिलता है अतः कालसर्प दोष पूजा जिस भी जातक को करवाना रहता है उसके लिए ये साल का सर्वश्रेष्ठ मुहरत होता है
मंगल दोष पूजा उज्जैन = जिस भी जातक की कुंडली में मंगल का दोष हो तो उसको उज्जैन में आकर पूजा करना पड़ती है तभी इस दोष से मुक्ति मिल पाती है मंगल दोष पूजा के लिए मंगलनाथ मंदिर उज्जैन में स्तिथ है इस मंदिर पर ही मंगल दोष की पूजा कराई जाती है
परन्तु कहा गया है शिवरात्रि वाले महादिन इसकी पूजा करवाने से विशेष पुण्य फल मिलता है एवं तुरंत इसका पुण्य लाभ व्यक्ति को मिलता है
शिवरुद्राभिषेक = इस दिन के लिए शास्त्रों के अनुसार ऐसा भी कहा गया है की इस पूजा का विशेष लाभ मिलता है क्यूंकि आप भी जानते है रुद्राभिषेक जो होता है वह शिव जी के शिवलिंग पर रूद्र मंत्रो के माध्यम से होता है
इसीलिए शिवरात्रि के दिन आइये और करवाये रुद्राभिषेक पूजा (Rudrabhishek puja ujjain) उज्जैन में और पाए सब दोष से मुक्ति