Kaal Sarp Dosp Puja

सिद्धवट पर तीन तरह की सिद्धि प्राप्त होने के लिए पूजा होती है !एक संतति अर्थात पुत्र दूसरी संपत्ति अर्थात लक्ष्मी तीसरी सद्गति इसका मतलब पितरों (पूर्वजों) के लिए अनुष्ठान किया जाता है.! जय वृक्ष तीन तरह की सिद्धि देता है इसलिए भी इसे सिद्ध पीठ कहा जाता है ! इस जगह पर नागबली और नारायण बलि के विधान का भी विशेष महत्व अत: उनकी बलि देने से संपत्ति संतति और सद्गति की सिद्धि के कार्य होते हैं ,इस जगह पर कालसर्प शांति का भी विशेष महत्व है ,इसलिए यहां पर कालसर्प दोष की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है ।ईस समय सिद्धवट को कर्मकांड पिंडदान कालसर्प दोष पूजा मोक्षकर्म पूजा आदि के लिए उज्जैन में प्रमुख स्थान माना जाता है
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