धार्मिक मान्यताओं में आश्विन मास कृष्ण पक्ष का समय पूर्वजों का समय या श्राद्ध पक्ष का समय माना जाता हे | श्राद्र के समय घर के पितृ देव व पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता हे | पितरो की आत्मा परिवार वालो को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हे | सर्व पितृ अमावस्या का समय धार्मिक मान्यताओं में विशेष महत्वपूर्ण माना गया हे | माना जाता हे की पितृ पक्ष के समय आप आदि श्राद्ध का दिवस भूल जाते हे तो आप अमावस्या के दिन आपने सभी पितृ देवता व पूर्वजो का श्राद्ध कर सकते हे | सर्वपितृ अमावस्या के उन पूर्वजो का श्राद्ध भी क्या जाता हे जिनकी अमावस्या के दिन मृत्यु हुई हो |सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन आप प्रातः उठकर स्नान करके | स्वस्छ वस्त्र धारण कर पितरो का तर्पण करे | दक्षिण दिशा की और बैठकर तांबे के पात्र में जल लेकर , भोजन आदि का भोग लगाए |
भोजन में चावल की खीर आवश्य बनाए |धार्मिक मान्यताओं चावल से बानी खीर को शुद्ध भोजन माना गया हे | सर्व पितृ अमावस्या के दिन आप आपने पूर्वजो व पितरो की आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए | और आपने पूर्वजो व पितृ देवता से जाने अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा मांगनी चाहिए | आप जो भोजन पितृ देवता के लिए बनाते हो उनके पांच भाग कर के आप प्रथम भाग देवता २. गाय ३. कुत्ता 4. चींटी 5. कौवे को भोजन करवाए | और सर्व पितृ अमावस्या की शाम को जब सब पितृ देवता व पूर्वज अपने अपने धाम को जा रहे हो तो दक्षिण दिशा में पानी के स्त्रोत के एक दीप प्रज्वलित आवश्य करे |
माना जाता हे की पितरो को किया गया दीप दान उन्हें अपने धाम जाते समय रोशनी प्रदान करता हे | Contact us for
Pitra Dosh Nivaran in Ujjain