सन 1690 ईसवी में मराठों ने मालवा क्षेत्र में आक्रमण कर दिया और 29 नवंबर 1728 को मराठा शासकों ने मालवा क्षेत्र में अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया! इसके बाद ही उज्जैन का खोया हुआ गौरव वापस स्थापित हो सका ,सन 1631 से 1809 तक यह नगरी मालवा की राजधानी बनी रही ,मराठों के शासनकाल में ही यहां पर उज्जैन का एवं महाकाल मंदिर का पुनर्निर्माण और ज्योतिर्लिंग की पुनः प्रतिष्ठा तथा सिंहस्थ महाकुंभ की स्थापना हुई, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी !आगे चलकर इसे राजा भोज ने विस्तार दिया ,आज बाबा महाकाल के भारत देश की ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व के दर्शनारती यहां पर दर्शन करने आते हैं ,महाकाल बाबा की भस्म आरती का भी बहुत विशेष महत्व माना जाता है..!!
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